दुनिया भर में चीन अपने आविष्कार एवं एक से बढ़ कर एक नए-नए अनोखे अनुसंधान करने के लिए मशहूर है | वो नहीं चाहता कि विश्व का कोई देश किसी भी क्षेत्र में उसका मुकाबला कर सके, चीन लगातार साइंस एंड टेक्नोलॉजी की फील्ड में अजीबो-गरीब एक्सपेरिमेंट कर रहा है। हर क्षेत्र में वो कुछ नया करने की सोचते रहता है और करता भी है | चीन के वैज्ञानिकों ने क्लोनिंग के जरिए एक Super Cow (गाय) बनाने का दावा किया है, जो अपने जीवन काल में एक लाख लीटर तक दूध दे सकती है ।

चीन के इस दावे ने सबको चौंका कर रख दिया है इनके दावे दुनिया भर में कई सवाल खड़े कर दिए हैं । इस विषय पर दुनिया के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक देश भारत के वैज्ञानिकों ने कई सवाल उठाए हैं । भारतीय वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे दूध की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ेगा । गायों की उत्पादक उम्र पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा । कुछ वैज्ञानिक तो यहाँ तक कह रहे हैं कि इससे गायों में बीमारियां बढ़ जाएंगी ।

चीन के दावे के मुताबिक ये सुपर काऊ अपनी पूरी जिंदगी में 100 टन यानी 2 लाख 83 हजार लीटर दूध दे सकेंगी ।चीन के मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीन गायों की ब्रीडिंग नॉर्थवेस्ट यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने कराई है । ये बछड़े पिछले दो महीने में निंगशिया इलाके में पैदा हुए हैं। ये सभी नीदरलैंड्स से आने वाली होलस्टीन फ्रीसियन गाय के क्लोन हैं ।

क्या है क्लोनिंग ?

प्रिय पाठकगण इसे समझने के लिए आपको क्लोन के बारे में अच्छे से समझना होगा | अलैंगिक तरीके से एक जीव से दूसरे जीव को तैयार करने की प्रोसेस क्लोनिंग कहलाता है । दुसरे शब्दों में ये कहें तो वैज्ञानिक एक जानवर का DNA लेते हैं और इसकी मदद से जानवर का प्रतिरूप तैयार करते हैं । वैज्ञानिक अपनी सहूलियत के हिसाब से इनके जीन्स में भी बदलाव करते हैं, ताकि सामान्य जानवर की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली जानवर बनाया जा सके ।

कैसे तैयार किया गाय का क्लोन?

सबसे पहले अच्छी नस्ल की गायों के कान के सेल्स (कोशिकाएं) निकाले गए । फिर इनसे भ्रूण तैयार कर 120 गायों में प्रत्यारोपित किए गए । इनमें से 42% गाय गर्भवती हुईं ।

एक सुपर काऊ सालाना 18 टन दूध देगी
वैज्ञानिकों की मानें तो एक सुपर काऊ एक साल में 18 टन (16.3 हजार लीटर) दूध दे सकेंगी | यह अमेरिका जैसे देशों की नॉर्मल गाय की तुलना में 1.7 गुना ज्यादा है। चीन का कहना है कि अगले 2-3 साल में एक हजार सुपर काऊ पैदा की जाएंगी । इससे डेयरी इंडस्ट्री को ज्यादा से ज्यादा फायदा होगा । फिलहाल चीन में हर 10 हजार में से 5 गाय ही अपने जीवन में 100 टन दूध दे पाती हैं। इसके अलावा देश में 70% डेयरी गाय आयात की जाती हैं ।

अब देखना यह है कि चीन अपने इस अनुसंधान में कितना प्रतिशत सफल होता है हालाकि इन गायों से निकले दूध स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अच्छा साबित नहीं होगा | अपने भारत में जो गाय देशी नस्ल की होतीं हैं जिनकी औसत दुग्ध उत्पादन क्षमता 6 से 8 लीटर प्रतिदिन की होती हैं उन गायों का दूध बहुत हीं पौष्टिकारक होता है | उनमे अनेक बिमारियों से लड़ने की क्षमता होती हैं |   

Alok Bachan (Technical Author of this Page)