लू से अपने को कैसे बचाएं …
गर्मी जोड़ों पर है ऐसे में इन दिनों तापमान इतना ज्यादा हो जाता है कि घर से बाहर निकलना ही मुश्किल हो जाता है । इन मौसम में दोपहर के समय बहुत तेज गर्म हवाएं चलती हैं, इन गर्म हवाओं को लू (HEAT STROKE या SUN STROKE) कहा जाता है । जिनकी इम्युनिटी मजबूत होती है वो लोग इन गर्म हवाओं का सामना तो कर लेते हैं लेकिन जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है वे सहन नहीं कर पाते हैं और इनके संपर्क में आते ही बीमार पड़ जाते हैं | प्राय: हर वर्ष काफी बड़ी संख्या में लोग लू की चपेट में आ हीं जाते हैं ।
लू लगने के मुख्य कारण ( HEAT STROKE CAUSES IN HINDI ) :
गर्मी में बढ़ता पारा हवाओं को लू में बदल देता है | ये गर्म हवाएं जब हमारे शरीर के संपर्क में आती हैं तो शरीर के तापमान को बढ़ा देती हैं ऐसे में अगर हम धूप में शरीर पूरा ढंके बिना बाहर निकलते हैं, तो लू लगने की पूरी-पूरी संभावना रहती है | इसके अलावा तेज़ धूप में नंगे पांव चलना, घर से बिना कुछ खाए निकलना, कम पानी पीना, एo सी० वाली जगह से निकलकर तुरंत धूप में चले जाना, ज्यादा देर तक धूप में काम करना और शरीर में पानी की कमी कर देना इन तमाम आदतों से शरीर में लू लग जाती है | यूँ कहें तो यही लू लगने के प्रमुख कारण हैं । बच्चे और वृद्ध लोग लू (Sunstroke) की चपेट में जल्दी आ जाते हैं । कितने लोगों को तो यह भी जल्दी पता नहीं चल पाता है कि उन्हें लू लग गयी है । इसका अंदाज़ा लू के लक्षणों को देखकर लगाया जा सकता है । इसके लिए हर किसी को लू के लक्षणों की पूरी जानकारी होनी चाहिए जिससे कि वो अपनी बचाव कर सकें |
लू लगने के लक्षण ( SYMPTOMS OF HEAT STROKE IN HINDI ) :
लू लगने के लक्षण में बार-बार मुंह सूखना, तेज़ बुख़ार होना और सांस लेने में तक़लीफ़ महसूस करना, उल्टी और चक्कर आना, दस्त होना, सिर दर्द, शरीर में दर्द महसूस होना, हाथ-पैरों का ढीला पड़ना, बेहोशी जैसा लगना और थकावट महसूस होना शामिल है |
लू लगने पर सिर में अचानक तेज दर्द होने लगता है | शुरुआत में ये अपना प्रभाव कम दिखाते हैं लेकिन समय के साथ साथ ये तेजी से बढ़ते जाते हैं । दरसल लू लगने पर अचानक से शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे तेज बुखार होने लगता है और शरीर में गर्मी बढ़ती हीं जाती है । लू लगने के दौरान शरीर में गर्मी बढ़ने के बावजूद भी शरीर से पसीना नहीं निकलता है ।
लू लगने पर उल्टी आना और बदन में तेज दर्द होना स्वाभाविक है । उल्टी होने के कारण शरीर में सोडियम और पोटैशियम का संतुलन बिगड़ जाता है । अधिकतर मामलों में ऐसा देखा गया है कि कमजोर इम्युनिटी वाले लोग लू लगने से बेहोश भी हो जाते हैं ।
लू लगने पर प्राथमिकी स्तर पर क्या करें :
लू लगे व्यक्ति को तुरंत छायादार जगह या ठंडी स्थान पर लेटा देना चाहिए । शरीर को ठंडा करने के लिए शरीर पर ठंडे पानी की पट्टी दें । घर के खिड़की दरवाजे खोल दें और यदि घर में कूलर या ए० सी० उपलब्ध हो तो उसे चालू कर दें । लू लगने पर बेहोशी की स्थिति में तुरंत डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए|
लू से बचने के उपाय :
हर साल लू से कई लोगों की जान चली जाती है लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि अगर गर्मी के मौसम में आप अपने को ठीक ढंग से रखें और कुछ ज़रुरी सावधानियां बरतें तो लू के प्रकोप से बच सकते हैं । आइये लू से बचने के कुछ प्रमुख उपायों (sunstroke treatment in hindi) के बारे में जानते हैं ।
-गर्मियों के दिनों में हल्का भोजन करें |
-पूरी बांह के कपड़े पहनें और नंगे पैर बाहर ना निकलें।
-हल्के रंगों वाले यथा सफ़ेद सूती कपड़े पहनें, सिंथेटिक कपड़ों से परहेज करें ।
-गर्मी के दिनों में कभी भी खाली पेट घर से बाहर ना निकलें |
-ज्यादा देर तक धूप में रहना हो तो छाते का इस्तेमाल करें ।
-अधिक मात्रा में पानी पिएं । घर से बाहर जाते समय पानी की बोतल अवश्य साथ लेकर जाएं ।
लू से बचने के कुछ घरेलू उपाय (HOME REMEDIES FOR HEAT STROKE IN HINDI) :
लू लगने में आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर ही इसे घर पर ठीक कर सकते हैं । अधिकतर मामलों में हमारे बड़े-बूढ़ों की बात सही होती है और किसी परेशानी में उनके द्वारा सूझाए गए नुस्ख़े ख़ासा कारगर होते हैं, जैसे-रोज़ाना खाने में कच्चे प्याज़ का इस्तेमाल करें अगर सफ़ेद प्याज़ का इस्तेमाल करें तो और बढ़िया होगा | धूप में निकलने से पहले पॉकेट में छोटा-सा सफ़ेद प्याज रखें, यह गर्मी को सोख कर शरीर को लू लगने से बचाता है | अधिक गर्मी में मौसमी फल, फलों का रस, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी, आम का पना, बेल के शरबत, सत्तू और सत्तू का शरबत, नींबू पानी आदि का सेवन करें | किसी भी तरह से अपनी डाइट में ठंडे तरल पेय पदार्थों का सेवन बढा देना चाहिए ।
घर पर ही आम का पना बनाकर पियें । लू से बचने का यह सबसे असरदार घरेलू उपाय है।
धनिये और पुदीने दोनों की ही तासीर ठंडी होती है । लू से बचने के लिए गर्मियों में रोजाना धनिया और पुदीने का जूस बनाकर पिएं ।
सब्जियों का सूप बनाकर रोजाना सेवन करें। दिन में एक या दो बार नींबू पानी का सेवन ज़रुर करें ।
खुले शरीर धूप में न निकलें। अगर निकलना ही पड़े तो धूप में निकलने पर सिर अवश्य ढंके । आंखों पर चश्मा जरुर लगाएं और हो सके तो सफेद या हल्के रंग के कॉटन के कपड़े ही पहनें ।
अचानक ठंडी जगह से एकदम गर्म जगह ना जाएं। खासकर एसी में बैठे रहने के बाद तुरंत धूप में ना निकलें ।
लू लगे व्यक्ति को तुरंत प्याज का रस शहद में मिलाकर देना चाहिए । रोगी के शरीर को दिन में चार-पांच बार गीले तौलिए से पोंछना चाहिए। चाय-कॉफी आदि गर्म पेय का सेवन अत्यंत कम कर देना चाहिए ।
प्यास बुझाने के लिए नींबू के रस में मिट्टी के घड़े अथवा सुराही के पानी का सेवन करवाना चाहिए । बर्फ का पानी नहीं पिलाना चाहिए क्योंकि इससे लाभ के बजाए हानि हो सकती है ।
जौ का आटा व पिसा हुआ प्याज मिलाकर शरीर पर लेप करें तो लू से तुरंत राहत मिलती है । जब रोगी को बाहर ले जाएं, तो उसके कानों में गुलाब जल मिलाकर रूई के फाहे लगाएं ।
मरीज के पैर के तलवे पर कच्ची लौकी घिसें, इससे शरीर की सारी गर्मी लौकी खींच लेगी और तुरंत राहत मिलेगी । लौकी कुम्हला जाए तो समझें कि लू की गर्मी उतर रही है । यह क्रिया बार-बार दोहराएं।
हमारे ज्ञानमंडी परिवार के वरीय अभिभावक एवं आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ० वशिष्ठ तिवारी जी बताते हैं कि आमतौर पर लोग कफ, पित्त, वायु या इनमें से कोई दो प्रकृतियों वाले होते हैं । हम ठंडी तासीर या प्रकृति की चीजों का इस्तेमाल करते हैं तो हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म या चयापचय सिस्टम ठंडा होना शुरू हो जाता है और शरीर में ठंडक आने लगती है । चावल, जौ का पानी, केला, छाछ, दही, लस्सी आदि लेने से शरीर को ठंडक मिलती है । दूध की लस्सी भी ले सकते हैं । ज्यादातर सब्जियों की तासीर ठंडक देने वाली होती है । इनमें लौकी और तोरी सबसे ठंडी होती हैं । कफ प्रकृति वालों को लौकी, तोरी या इनका जूस ज्यादा नहीं लेना चाहिए ।
आम व लीची को छोड़कर ज्यादातर फल ठंडक देनेवाले होते हैं जैसे कि मौसमी, संतरा, आडू, चेरी, शरीफा, तरबूज, खरबूजा आदि । खीरा व ककड़ी भी गर्मियों के लिहाज से अच्छे हैं । सौंफ, इलायची, कच्चा प्याज, आंवला, धनिया, पुदीना और हरी मिर्च की तासीर भी ठंडी होती है । लू से बचाव के लिए कई तरह के पेय पदार्थों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कि ठंडाई, आम पना, शिकंजी, लस्सी, नारियल पानी आदि के साथ-साथ खस, ब्राह्मी,चंदन, बेल, फालसा, गुलाब, केवड़ा, सत्तू के शर्बत आदि का सेवन करें तो लू के साथ-साथ कई अन्य समस्याओं से सदा मुक्त रहेंगे एवं स्वस्थ आरोग्य के मालिक बने रहेंगे…!