आज से करीब-करीब 5000 वर्ष पहले आयुर्वेद मनीषि महर्षि वाग्भट्ट जी ने बताया कि हमें भोजन के बाद में थोड़ा सा गुड अवश्य खाना चाहिए | हम सभी प्रतिदिन किसी न किसी रूप में मीठा जहर ले रहे हैं, जैसे चीनी, मैदा, नमक यह तीनों सफेद रूप में दिखने वाले मीठे जहर हैं | चीनी शरीर में अम्ल पैदा करती है जो शरीर के लिए हानिकारक है | गुड़ खाने के बाद शरीर को क्षार की प्राप्ति होती है जो शरीर के लिए गुणकारी एवं लाभकारी है |
चीनी को पचाने में जहां शरीर की 500 कैलोरी ऊर्जा खपत होती है वही गुड को पचाने में 100 कैलोरी की खपत होती है | गुड में कैल्शियम के साथ फास्फोरस होता है जो शरीर के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है जो हड्डियों को अधिक समय तक सक्रिय बनाने में सहायक होता है | चीनी बनाने की प्रक्रिया में ही फास्फोरस का अत्यधिक अंश जलकर नष्ट हो जाता है जो शरीर को प्राप्त नहीं हो पाता |
अच्छी सेहत के लिए चीनी के जगह पर गुड़ का उपयोग करना चाहिए | गुड़ में फाइबर व अन्य पौष्टिक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए लाभदायक हैं | गुड़ में लौह तत्व अन्य खनिज तत्व भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं | चीनी में चुकि कार्बोहाइड्रेट होता है अतः यह रक्त में सीधे मिलकर उच्च रक्तचाप जैसी अनेक घातक बीमारियों को बढ़ावा देता है |
चीनी का प्रयोग हार्ट अटैक का कारण भी बना रहा है | भोजन के पाचन में गुड़ अति सहायक है | खाने के बाद लगभग 20 ग्राम गुड़ अवश्य खाना चाहिए यह आपको बीमार होने से रोकेगा | गुड़ को दूध में मिलाकर नहीं लेना चाहिए बल्कि पहले गुड़ खाकर दूध पीना चाहिए | गुड़ को दही में मिलाकर खाना चाहिए जो कि हम बिहार वासियों को अति प्रिय है | गुड़ से बने मिठाई जैसे गज्जक, बादाम लड्डू, तिल लड्डू, रेवड़ी, मुरब्बा, खीर, पुआ-पकवान इत्यादि का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है |
मैदा ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है जिससे शरीर में कई रासायनिक प्रतिक्रिया तेजी से होकर शरीर को नुकसान पहुंचाती है | इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होना, वजन बढ़ना, मोटापा जैसी अनेक घम्भीर प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है | मैदा का प्रयोग आंतों में सूजन का कारण बनाता है | पाचन क्रिया विकृत होती है अतः मैदा या मैदे से बने पदार्थ का सेवन नहीं करें तो श्रेयस्कर है |
नमक के प्रयोग से ब्लड-प्रेशर, ह्रदय संबंधी रोग, किडनी से जुड़े अन्य रोग होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं | साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हितकर है | ऐसा नहीं कि सिर्फ साधारण नमक खाने से ही हाई बीपी, हर्ट, किडनी इत्यादि की परेशानी होती हैं लेकिन जितने भी कारक जिम्मेदार हैं उनमें से नमक भी एक बड़ा कारक है | अतः साधारण नमक के जगह सेंधा नमक का ही सेवन करना चाहिए |
आशा करता हूँ यह पोस्ट आपको पसंद आएगा और आप अपने दैनिकी में इन तीनो सफ़ेद जहर का प्रयोग रोकेंगे, स्वस्थ रहें मस्त रहें….जय आयुर्वेद…
साभार : डॉ० वशिष्ठ तिवारी (आयुर्वेद रत्न), प्रयाग रजि० न०-83443
ऐसे हीं स्वास्थ्य से जुडी जानकारी के लिए हमें visit करें..https://gyanmandi.net