एक बिजनेसमैन सुबह जल्दी में …
घर से बाहर आकर अपनी कार का
दरवाजा खोलता है !
तभी .. पास बैठे एक आवारा कुत्ते पर
उसका पैर पड़ जाता है !
कुत्ता उस पर झपटता है , और
उसके पैर में दाँत गड़ा देता है !
गुस्से में आकर वो 10-12 पत्थर
कुत्ते को मारता है , लेकिन …
एक भी पत्थर कुत्ते को नहीं लगता ,
और …. कुत्ता भाग जाता है !
अपने ऑफिस में पहुँचकर …
वो ऑफिस के सभी कर्मचारियों की
मीटिंग बुलाता है , और कुत्ते का गुस्सा
उन पर उतारता है !
अपने बॉस का जबरन का गुस्सा झेलकर
अधिकारी भी परेशान हो जाते हैं !
सारे अधिकारी अपना गुस्सा अपने से
निचले स्तर के कर्मचारियों पर उतारते हैं ,
और इस प्रकार गुस्से का ये दमन चक्र
सबसे निचले स्तर के कर्मचारी
चपरासी तक पहुँचता है !
अब चपरासी के नीचे तो कोई है नहीं ,
इसलिए .. वो अपना गुस्सा दारू पर
उतारता है , और पीकर घर जाता है !
बीवी दरवाजा खोलती है , और
शिकायती लहजे में बोलती है ~
इतनी देर से आए ?
चपरासी … बीवी को एक झापड़ …
लगा देता है , और बोलता है ~
मैं ऑफिस में कंचे खेल रहा था क्या ?
काम था मुझे ऑफिस में !
अब भेजा मत खा और खाना लगा !
अब बीवी भुनभुनाती है कि …
बिना कारण चाँटा खाया !
वो अपना गुस्सा बच्चे पर उतारती है ,
और … उसकी पिटाई कर देती है !
अब बच्चा क्या करे ?
वो गुस्से में घर से बाहर चला जाता है !
और …….
बच्चा …एक पत्थर उठाता है , और
सामने से गुजरते एक कुत्ते को मारता है !
पत्थर लगते ही … कुत्ता बिलबिलाता …
काऊँ काऊँ करता भागता है !
मित्रों ! ये वही सुबह वाला कुत्ता था !
उसे तो पत्थर लगना ही था ,
बिजनेसमैन वाला नहीं लगा ….
बच्चे वाला लगा !
उसका सर्कल कम्पलीट हुआ !
इसलिए … आप कभी भी चिंता ना करें ! अगर किसी ने आपको परेशान किया है , तो उसे पत्थर लगेगा, अवश्य लगेगा, बराबर लगेगा |
आप निश्चिन्त रहो ! आपका बुरा करने वाले का …बुरा अवश्य ही होगा ! गुस्सा मत करो ! लेकिन अगर आपने किसी का बुरा किया है , और
अभी खुश हैं , तो मित्र ! आपका नुकसान जरूर होगा ! बस … समय का चक्र पूरा होने दो ! यही सृष्टि का नियम है ! इसका कोई अपवाद नहीं है !