गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन हीं सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम 1935 को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया । यह भारत के तीन प्रमुख राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है | स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून व्यवस्था का राज स्थापित करने के लिए 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। सन 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था, इसलिए 26 जनवरी का दिन चुना गया था क्योंकि इसी दिन हर भारतीय अपने देश के लिए प्राण न्योछावर कर देने वाले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
गणतंत्र दिवस से ठीक एक दिन पहले यानि 25 जनवरी के संध्या में देश के राष्ट्रपति का देश के नाम सम्बोधन होता है । विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों एवं अन्य सभी प्रकार के सरकारी / गैर सरकारी संस्थाओं आदि मे कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत के राष्ट्रपति दिल्ली के राजपथ पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।
राजधानी दिल्ली समेत पुरे देश भर में बहुत सारे आकर्षक और मनमोहक कार्यक्रम झाकियाँ निकाली जाती है कई तरह के आयोजन किये जाते हैं | दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया जाता है |
कर्त्तव्यपथ पर बड़ी धूम-धाम से परेड निकलती है जिसमें विभिन्न प्रदेशों और सरकारी विभागों की झांकियाँ होतीं हैं। देश के कोने कोने से लोग दिल्ली मे 26 जनवरी की परेड देखने आते हैं। भारतीय सेना अस्त्र-शस्त्रों का शानदार प्रदर्शन करती है। 26 जनवरी के दिन धूम-धाम से राष्ट्रपति की सवारी निकाली जाती है तथा बहुत से मनमोहक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
देश के कोने-कोने मे जगह-जगह ध्वजारोहण होता है खुशियाँ मनाई जाती हैं, मिठाइयाँ बंटती हैं और कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। आज के दिन देश के हर युवा के अन्दर देश के प्रति एक नई उमंग देखने को मिलती है ।
26 जनवरी को हीं चुनने की मुख्य वजह ये थी कि भारत की संविधान सभा की स्थापना 9 दिसंबर 1946 को भारत के संविधान को लिखने के लिए की गई थी। डॉ० भीमराव आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि संविधान सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान निर्माण में कुल 22 समितीयां थीं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण मसौदा समिति थी। इस समिति का कार्य संपूर्ण ‘संविधान लिखना’ या ‘ संविधान का निर्माण करना’ था।
मसौदा समिति की अध्यक्षता डॉ.भीम राव अंबेडकर ने की थी। संविधान सभा में कुल 11 सत्र आयोजित किए और इस विशाल संविधान को तैयार करने में कुल 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा । भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया। इस दिन का संबंध लाहौर कांग्रेस अधिवेशन से भी है। भारत का संविधान लिखने के लिए भारत की संविधान सभा की स्थापना 9 दिसंबर 1946 को हुई थी। मसौदा समिति की अध्यक्षता डॉ बी आर अम्बेडकर ने की, जो उस समय कानून मंत्री थे।
26 जनवरी, 1929 को पहली बार पूर्ण गणराज्य का प्रस्ताव पेश किया गया था। इस वजह से 26 जनवरी के दिन भारतीय सविंधान को लागू किया गया। इसलिए, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) के रूप में मनाया जाता है।