इस भाग दौड़ भरी जिन्दगी में अक्सर लोगों को खड़े होकर पानी पीने की आदत होती जा रही है। हर किसी को अपने काम की जल्दबाजी है, पानी पीने के लिए बैठना आलस लगता है। ऐसे में लोग खड़े-खड़े ही पानी पी ले रहे हैं। खड़े होकर पानी पीना या घूमते टहलते हुए पानी पीना आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है । इसका सीधा असर आपके लिवर के साथ-साथ शरीर के अन्य आन्तरिक कोमल अंगों पर पड़ता है। इसलिए आपके लिए श्रेयष्कर होगा कि आप खड़े होकर पानी पीने की बजाय हमेशा बैठकर हीं पानी पियें ।

जानिए क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं खड़े होकर पानी पीने से

  • जब भी आप खड़े होकर पानी पीते हैं, तो शरीर के लिए आवश्यक ज़रूरी पोषक तत्व और विटामिन लिवर और पाचन तंत्र तक नहीं पहुंचते और यह प्रक्रिया बहुत तेज़ी से गुज़र जाता है, जिससे आपके फेफड़ों और हृदय के कार्य-प्रणाली को नुकसान पहुंचता है और एक समय ऐसा आता है जिससे ऑक्सीजन का स्तर गड़बड़ हो जाता है।
  • खड़े होकर पानी पीने से पाचन तंत्र को भारी नुकसान पहुंचता है। क्योंकि जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं, तो  वह पानी बड़ी तेज़ आवेग के साथ भोजन नली से होते हुए सीधे पेट के निचले हिस्से पर पहुचता है, जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से हानिकारक है। जब भी हम खडा होकर पानी पीते हैं तो  हमारे शरीर की नसें तनावग्रस्त हो जाती हैं, जिसके वजह से  तरल पदार्थ का आन्तरिक संतुलन बिगड़ जाता है, और टॉक्सिन्स की अधिकता हो जाती है जिससे कि बदहज़मी बढ़ती है।

मेडिकल साइंस के मुताबिक जब हम बैठ कर के पानी पी रहे होते हैं उस समय हमरा किडनी बेहतर तरीके से फिल्टर करता हैं । इसके विपरीत जब खड़े होकर पानी पिया जाता है, तो तरल पदार्थ बिना फिल्टर हुए सीधे पेट के निचले हिस्से में चला जाता है। इससे पानी में मौजूद  अशुद्धियां मूत्राशय में जमा हो जाती हैं, और किडनी की कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचाती हैं। इससे आगे बढ़ के युरीन से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।

  • जब हम खड़े होकर गट-गट कर पानी पीते हैं, तो इससे हमारे शरीर की नसें तनाव की स्थिति में आ जाती हैं, यहां तक कि यह जोड़ों में तरल पदार्थ भी जमा करता है, जिससे गठिया हो जाता है और हड्डियों को काफी नुकसान पहुंचता है।
  • आयुर्वेद में तो खड़े होकर पानी पीना एकदम प्रतिबंधित है आयुर्वेद के मुताबिक जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो, इससे हमारे पेट पर अधिक दबाव पड़ता है | जिससे पेट और पेट के आसपास की जगह और पाचन-तंत्र को नुकसान पहुंचता है |
  • मेडिकल साइंस के अनुसार पानी बैठकर पीने से पानी सही तरीके से पचकर शरीर के सभी कोशिकाओं तक पहुंचता है। शरीर को जितने पानी की आवश्यकता होती है उतना पानी सोखकर वह बाकी का पानी और टॉक्सिन्स यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकाल देता है। बैठकर पानी पीने से खून में हानिकारक तत्व नहीं घुलते बल्कि ये खून साफ करते हैं । इसीलिए बैठकर पानी पीने को अच्छा माना जाता है।
  • खड़े होकर पानी पीने की वजह से अक्सर कुछ लोगों को अपच की समस्या हो जाती है। पानी बैठ कर पीने से मसल्स और नर्वस सिस्टम रिलैक्स हो जाती हैं जिसके  वजह से पानी आसानी से पच जाता है। जबकि खड़े होकर पानी पीने से आपको कब्ज की समस्याएं हो जाती हैं।  
  • खड़े होकर पानी पीना एसिडिटी की समस्या पैदा कर सकता है। जब भी हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो ग्रासनली के निचले हिस्से में समस्या हो जाती है। जिसकी वजह से पेट में जलन होने लगती है।
Alok Bachan (Technical Author of this Page)

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