मानव शरीर का हाल एकदम ठीक मशीनरी के जैसे है | जैसे किसी गाडी के पार्ट पुर्जे नए नए में फिट रहते हैं और जैसे-जैसे समय बढ़ता है गाड़ी चलता फिरता है धीरे-धीरे उसके पार्ट पुर्जे घिसने शुरू कर देते हैं | उनकी कार्य कुशलता नए के भांति कार्य नहीं करता उनके प्रकृति में अंतर आ जाता है एक समय ऐसा भी आता है जब वह पार्ट पुर्जा एकदम जबाब दे देता है | तब उसे बदलना पड़ता है | ठीक उसी तरह हमारे शरीर में भी लगभग 50 साल के बाद धीरे-धीरे शरीर के जोडों में प्रयुक्त रहने वाला लुब्रीकेन्ट्स एवं कैल्सियम बनना कम हो जाता है। जिसके कारण जोडों का दर्द ,गैस, कैल्सियम की कमी जैसे तमाम समस्या सामने आ जाते है |
ऐसे में आधुनिक चिकित्सा आपको जॉइंट रिप्लेस करने की सलाह देते है, तो कई आर्थिक रुप से सधन लोग यह मानते है की हमारे पास तो बहुत पैसे है तो घुटनां चेंज करवा लेते है। किंतु क्या आपको पता है जो चीज कुदरत ने हमे दी है, वो आधुनिक विज्ञान या तो कोई भी साइंस नही बनां सकती। आप कृत्रिम जॉइन्ट फिट करवा कर थोडे समय 2-4 साल तक ठीक हो सकते है। लेकिन बाद मे आपको बहुत ही तकलीफ होगी। जॉइन्ट रिप्लेसमेंट का सटीक इलाज आज मे आपको बता रहा हूँ । वो आप नोट कर लीजिये और हां ऐसे हजारो जरुरतमंद लोगो के बीच यह पेज को शेयर कीजिये जो रिप्लेसमेंट के लाखो रुपये खर्च करने मे असमर्थ है।
बबूल नामक वृक्ष आपने जरुर देखा होगा । यह भारत मे हर जगह बिना लगाये ही अपने आप हो जाता है, अगर यह वृक्ष अमेरिका या अन्य देशों मे इतनी मात्रा मे होता तो आज वही लोग इनकी दवाई बनाकर हमसे हजारों रुपये लूटते । लेकिन भारत के लोगों को जो चीज मुफ्त मे मिलती है उनकी कोइ कदर नही है। कई लोगों को इसकी जानकारी का अभाव होने के कारण इसका प्रयोग नहीं कर पाते हैं | प्रिय पाठक आज हम बताते हैं इसका प्रयोग कैसे करना है |
बबूल के पेड पर जो फल आता है उसे तोड़कर घर लाइए , उसको सुखाकर पाउडर बनाइए अथवा यदि पेड़ नहीं ढूढ पा रहे हैं या उसके फुल से पाउडर बना पाने में असमर्थ हैं तो बाजार में पंसारी या किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर्स पर जाएँ और किसी भी अच्छे कंपनी का बाबुल पाउडर का पैकिंग खरीद कर घर लायें | प्रतिदिन सुबह 1 चम्मच की मात्रा में गुनगुने पानी से भोजन के बाद, केवल 2-3 महीने तक सेवन करें आपके घुटने का दर्द बिल्कुल ठीक हो जायेगा। आपको घुटने बदलने की जरुरत नही पडेगी । ऐसा कर आप लाखों रुपये के नाहक खर्च से बचेंगे और सबसे महत्वपूर्ण बात प्रकृति ने जो अमूल्य अंग हमे दियें हैं उसे बिना छेड़-छाड़ किये सुखमय जीवन जी सकेंगे |