आज हर इंसान दबाव में जी रहा है...
विश्व के महान दार्शनिक अरस्तु के कथनानुसार “मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है” बिना समाज के मनुष्य पशु के समान है | बात बिल्कुल व्यावहारिक है, बिना समाज के उस मनुष्य का औचित्य...
इस दुनियां में जिसे देखो अधिकतर वो दु:खी हीं है | कारण इसका अस्तित्व में नहीं है और ना ही कहीं अन्य चीजों या किसी व्यक्ति विशेष में है | इसका कारण है मनुष्य का तौलने वाला मस्तिष्क |...