इन्टरनेट शब्द आज हमसभी लोगों के लिए खास नहीं आम बन गया है जो कभी खास हुआ करता था | एक समय था जब तकनीक धीरे-धीरे विकसित हो रही थी तब लोकप्रियता भी आज के इतना नहीं हुआ करता | संसाधन चुकि सीमित थे इसीलिए तकनीकें User friendly नहीं हुआ करती थी और यही कारण था कि हर इंसान तक वो तकनीक नहीं पहुच पाती थी | आज हमसभी लोग इंटरनेट से अच्छी तरह से परिचित हीं नहीं बल्कि इन्टरनेट हमारे जीवन का का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है |
जब हमसभी लोग इन्टरनेट इस्तेमाल करते हैं तो 2G, 3G, 4G और 5G शब्द अक्सर सुनते हैं लेकिन शायद आप में से कुछलोगों को यह न पता हो की आखिर यह 2G, 3G, 4G और 5G है क्या ? आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे 1G, 2G, 3G, 4G और 5G तकनीक क्या होती है और 1G, 2G, 3G, 4G और 5G तकनीक में क्या अंतर है या क्या कमियां रहीं जिसके वजह से नई तकनीक खोजनी पड़ी ।
इंटरनेट की इस दुनिया में बदलते समय और जरुरत के हिसाब से कई बदलाव देखे गए हैं। पहले उपभोक्ता 1G का use करते थे और अब 4G का लुत्फ़ उठा रहे हैं। आगे 5G इस्तेमाल करने के लिए बेसब्री से इन्तेजार कर रहे हैं | यहाँ बार-बार प्रयोग हो रहे ‘G’ मतलब Generation है। 1G से 4G तक का सफर न सिर्फ इंटरनेट दुनिया के लिए बल्कि हम सभी मनुष्यों के लिए भी काफी बदलाव लाया। 4G तकनीक ने इंटरनेट को काफी फ़ास्ट गति दिया और अब जल्द ही 5G भी दस्तक दे रहा है, जिसे हमसभी 4G तकनीक से भी 35 गुना अधिक स्पीड से इंटरनेट चला सकेंगे।
1G (1st Generation) तकनीक
- First Generation Mobile Network पहली Wireless Telecommunication तकनीकी थी।
- First Generation आधारित मोबाइल फ़ोन Cellular Network Data को ट्रांसमिट करने के लिए एनालॉग सिग्नल (Analogue Technology) पर कार्य करती था |
- पहली जनरेशन के Cellular Network 2.4 Kbps तक की इंटरनेट स्पीड देते थे।
- सबसे पहले 1G का प्रयोग एनालॉग तकनीक आधारित मोबाइल सिस्टम में किया गया जो अमेरिका ने लॉन्च किया गया था।
1G में कमियां
1G मोबाइल नेटवर्क उस समय की नयी तकनीक थी और संचार की शुरुआत हो रही थी इसीलिए इसमें कुछ कमियां थी । जिसे बाद में और बेहतर बनाने के दिशा में प्रयास जारी रहा। क्या कमिया थी 1G तकनीक में जरा गौर करें –
- 1 Generation की तकनीकी में इस्तेमाल होने वाली Voice Call और Text Messege सुरक्षित नहीं थे |
- voice calling की गुणवत्ता भी बहुत अच्छी नहीं थी।
- 1 Generation फोन का साइज काफी बड़ा था ।
- सिर्फ वॉइस कालिंग की सुविधा थी और कोई अन्य सुविधा नहीं थी।
- साथ ही फ़ोन की बैटरी भी अधिक देर तक कार्य करने में सक्षम नहीं थी |
- इसके साथ वॉइस कालिंग की सुविधा भी सीमित ही थी। जिसमे हम अंतर्राष्ट्रीय कॉलिंग नहीं कर सकते थे।
2G (2nd Generation) Technology
2G का मतलब है मोबाइल नेटवर्क की दूसरी पीढ़ी जिसे 1G के स्थान पर बदला गया | इस नेटवर्क में अत्यधिक सुरक्षित Voice और Text Messege सेवाओं के साथ-साथ और भी सुविधाएँ बधाई गयीं | 2G नेटवर्क को 90 के दशक में विभिन्न डिजिटल टेक्नोलॉजी के साथ दुनिया के कई हिस्सों में शुरू किया गया |
उस दौरान Voice calling और Text messaging प्रमुख सेवाएँ थी जिन्हें 2G ने सक्षम बनाया | 2G के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला Technology GSM था | 2nd Generation के मोबाइल नेटवर्क्स के साथ दो नई Excess तकनीक TDMA और CDMA भी आविष्कार किया गया जिनके जरिए मोबाइल फ़ोन को मोबाइल नेटवर्क्स के साथ हवा के माध्यम से जोड़ा जा सकता था.
इसके बाद मोबाइल डाटा सेवाएँ प्रदान करने के लिए GSM नेटवर्क में GPRS और EDGE नेटवर्क की शुरुआत की गई. GPRS और EDGE को क्रमशः 2.5G और 2.75G भी कहा जाता है.
2G की खूबियाँ
- 2G नेटवर्क में Analogue की जगह Digital signal का इस्तेमाल किया गया |
- 2nd Generation के साथ SMS, MMS और Picture SMS जैसी मल्टीमीडिया सेवाएँ उपलब्ध हो गई |
- 2G की डाटा स्पीड 64 Kbps के आसपास थी |
- Voice Call और Text Messages की सेवाएँ काफी हद तक सुरक्षित हो गयी |
- 2nd Generation की फ़ोन GSM/CDMA पर आधारित थी |
2G की कमियां
- डिजिटल सिग्नल मजबूत ना होने की वजह से call disconnect अधिक होते थे |
- स्पीड कम होने की वजह से विडियो सही से नहीं चलते थे |
- Network Coverage सही न होने की वजह से सिग्नल प्राप्त करने में दिक्कत आती थी |
3G (3rd Generation) Technology
3G का मतलब मोबाइल नेटवर्क की तीसरी पीढ़ी जहाँ 3G तकनीक के लिए दो प्रमुख ट्रैक बनाये गए और ये दोनों ही CDMA तकनीक पर आधारित थे | पहला ट्रैक था Universal Mobiile Telecommunication System (UMTS) और दूसरा CDMA 2000 |
UMTS का प्रयोग 3G सेवा को GSM में विस्थापित करने के लिए और CDMA2000 का प्रयोग IS-95 और D-AMPS में 3G तकनीक के लिए किया गया | जब High-Speed Packet Access (HSPA) नामक तकनीक का इस्तेमाल किया गया तब UMTS नेटवर्क के डाटा रेट में वृद्धि देखी गई | HSPA 14.4 Mbps तक की Downloading और 5.76 Mbps तक की Uploading स्पीड दे सकता था जो उस समय के लिए बहुत बड़ी उपलब्धी थी | इसके बाद से HSPA+ तकनीक विकसित किया गया जो डाटा रेट की वृद्धि कर 42 Mbps की Downlod link और 11.5 Mbps की Uploading link के लिए स्पीड प्रदान कर रहा था |
CDMA2000 डाउनलोड लिंक और uplod लिंक में 153 Kbps स्पीड तक के Peak डाटा रेट को सपोर्ट कर सकता था | बाद में इस स्पीड को EVDO (Evolution Data Optimized) के जरिए बढ़ाया गया जो की 14.7 Mbps तक की डाउनलोड स्पीड और 5.4 Mbps तक की अपलोड स्पीड देने लगा |
3G नेटवर्क की खूबियाँ |
- डाटा स्पीड बढ़कर 2.05 Mbps की हो गई |
- 3G तकनीक के आने के बाद डाटा और अधिक सुरक्षित हो गया और user के लिए विश्वसनीयता और भी अधिक बढ़ गई |
- 3G तकनीक विकसित होने के बाद ऑडियो और विडियो स्ट्रीमिंग करना बहुत आसान हो गया जिसके बाद से मल्टीमीडिया सेवाएँ उपलब्ध हो गई |
- इस पीढ़ी में Communication की गति में भी बढ़ोतरी हुआ |
- इस तकनीक के आने के बाद Video Confrensing, Cinema on YouTube और इनसे जुड़े अन्य प्रकार के प्रयोग संभव हो गए |
- ब्राउज़िंग करना काफी फ़ास्ट और सुरक्षित हो गया |
3G की कमियां
- Data Transfer के लिए Bandbidth का इस्तेमाल अधिक होता है |
- मोबाइल में Power Consumption अधिक होता है |
- 3G नेटवर्क का network station (Tower) हर एरिया में विकसित करना इन्टरनेट सेवा प्रदाता के लिए भी काफी खर्चीला है |
4G (4th Generation) तकनीक
4G का मतलब मोबाइल नेटवर्क की चौथी पीढ़ी | 4G को Long Term Evolution (LTE) नामक नई तकनीक के साथ सक्षम बनाया गया जिसका मतलब मोबाइल नेटवर्क का . LTE, UMTS और CDMA2000 के साथ प्रमुख 3G तकनीकों के साथ मिल के काम करना था | LTE सर्विस 3G तकनीक से ज्यादा फ़ास्ट गति के साथ डाटा ट्रांसफर और इन्टरनेट से जुड़े सभी कामों को करने में सक्षम है |
LTE आ जाने के बाद LTE Advanced (LTE-A) और LTE Pro. को लॉन्च किया जो अधिक डाटा स्पीड प्रदान करती हैं | LTE डाउनलोड में 300 Mbps तक की स्पीड को देता है, जबकि LTE-A और LTE- Pro. क्रमशः 1 Gbps और 3 Gbps तक की अधिकतम स्पीड देने की क्षमता रखते हैं |
4G की खूबियाँ
- इसकी स्पीड 3G के मुकाबले कई गुना अधिक होने के चलते इंटरनेट की स्पीड 100 Mbps से 1 Gbps तक बढ़ गई |
- मल्टीमीडिया सेवाएँ जैसे विडियो स्ट्रीमिंग और लाइव टीवी देखना काफी आसान हो गया |
- High level की Bandwidth होने की वजह से Higher Connectivity और Qualitative voice की सुविधा मिली |
- 4G आने के बाद वायरलेस नेटवर्क अधिक सुरक्षित हो गया और विश्वसनीयता भी और अधिक बढ़ गई |
- बड़े साइज की फाइल भेजना काफी आसान और तेज हो गया |
4G की कमियां
- 3G की अपेक्षा 4G की तकनीक काफी महंगी है |
- 4G नेटवर्क की कनेक्टिविटी सीमित क्षेत्रों तक ही सिमित है |
- फ़ोन में power consumption भी काफी अधिक होता है |
- अधिक सुविधा देने के वजह से डाटा consumption भी काफी तेजी के साथ होता है |
5G (5th Generation) तकनीक
5G मोबाइल फोन की पांचवी पीढ़ी है यह अपने इंडिया के लिए मोबाइल नेटवर्क की सबसे लेटेस्ट तकनीक है | 5G टेक्नोलॉजी के आ जाते हीं उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट का उपयोग करने के लिए High-Speed Data मिलने लगेगी | इस तकनीक पर मई 2013 से ही काम शुरू हो गया है | 5G तकनीक वर्तमान 4G नेटवर्क से बेहतर अनुभव देने वाला होगा | यह पूरी तरह Wireless Communication है जिसमें हर चीज असीमित होने वाला है | इस तकनीक में Huge Ammount के डेटा का आदान-प्रदान होता है | 5G की अधिकतम स्पीड अभी तय नहीं की गई है क्योंकि अभी इस पर काम चल रहा है |
5G कि खूबियाँ –
1. एचडी क्वालिटी विडिओ मिलेंगे |
2. पिछली जनरेशन के बजाय Fast Data Transmission की सुविधा मिलेगी ।
3. ऑडियो और वीडियो कॉलिंग में पूर्णतया स्पस्टता रहेगी ।
आशा है की इस पोस्ट को पढने के बाद आपके सरे डाउट्स क्लियर हो गए होगे की ये 2G, 3G, 4G, 5G क्या हैं ..
Alok Bachan (IT Expert)
अच्छा प्रयाश किया गया है, धन्यवाद
उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद
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