21वीं सदी को अगर किसी एक शब्द में परिभाषित करना हो तो वह होगा – “डिजिटल युग”। आज का समाज, शिक्षा, व्यापार, रोजगार और यहाँ तक कि हमारा रोज़मर्रा का जीवन भी कंप्यूटर और तकनीक पर निर्भर हो चुका है। मोबाइल फोन से लेकर स्मार्ट टीवी तक, ऑनलाइन क्लास से लेकर डिजिटल पेमेंट तक, हर क्षेत्र में कंप्यूटर विज्ञान की भूमिका अहम है। क्या आपने कभी सोचा है कि गूगल, व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम या फिर आपका पसंदीदा गेम किसने बनाया ?
क्या आपने यह महसूस किया है कि जो मोबाइल आप रोज़ इस्तेमाल करते हैं, वह सिर्फ एक मशीन नहीं बल्कि इंसानी दिमाग की अद्भुत ताक़त का परिणाम है ?

इस ताक़त का नाम है – कंप्यूटर विज्ञान (Computer Science)

आज पूरी दुनिया उसी दिशा में दौड़ रही है। जो बच्चे कंप्यूटर विज्ञान सीख रहे हैं, वही कल की दुनिया के लीडर, इनोवेटर और सफल व्यक्ति बनेंगे।

भारत जैसे देश में जहाँ शिक्षा लगातार बदलते परिवेश के साथ आधुनिक हो रही है, वहाँ छात्रों को कंप्यूटर विज्ञान की शिक्षा देना अब एक विकल्प नहीं बल्कि आवश्यकता बन चुकी है। यही कारण है कि बिहार बोर्ड ने 11वीं कक्षा में छात्रों को कंप्यूटर विज्ञान को अतिरिक्त विषय के रूप में चुनने की सुविधा दी है।

लेकिन यह सिर्फ “एक विषय” भर नहीं है, बल्कि यह बच्चों के करियर और उनके भविष्य को नई दिशा देने वाला विषय है। अगर छात्र 9वीं और 10वीं से ही कंप्यूटर की पढ़ाई शुरू कर दें तो उनके लिए यह विषय और भी आसान व रोचक हो जाता है। लेकिन सवाल है –
👉 क्यों यह विषय इतना महत्वपूर्ण है ?
👉 9वीं और 10वीं के बच्चों को कंप्यूटर पढ़ना क्यों जरूरी है ?
👉 कंप्यूटर शिक्षा से बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित और उज्ज्वल बनेगा और क्यों अगर आपने इसे न चुना तो आप पीछे छूट सकते हैं ?
👉11वीं में कंप्यूटर विज्ञान को अतिरिक्त विषय के रूप में चुनने से छात्रों को क्या लाभ होगा।

तो आइए जानते हैं विस्तार से…

1. कंप्यूटर विज्ञान क्यों पढ़ना चाहिए?

आज की दुनिया में कंप्यूटर ज्ञान उतना ही ज़रूरी है जितना पढ़ना-लिखना

  • अगर आप डॉक्टर बनना चाहते हैं तो आपको मरीजों के रिकॉर्ड रखने और नई मशीनों को समझने के लिए कंप्यूटर आना चाहिए।
  • अगर आप इंजीनियर बनना चाहते हैं तो बिना कंप्यूटर के कोई डिज़ाइन संभव नहीं।
  • अगर आप बैंकिंग, रेलवे या SSC जैसी नौकरी करना चाहते हैं तो कंप्यूटर ज्ञान अनिवार्य है।
  • अगर आप बिज़नेस करना चाहते हैं तो ऑनलाइन पेमेंट, वेबसाइट और डिजिटल मार्केटिंग के बिना आप सफल नहीं हो सकते।

यानी बिना कंप्यूटर ज्ञान के आप कहीं भी पूरी तरह सफल नहीं हो सकते।


2. 9वीं और 10वीं में कंप्यूटर पढ़ना क्यों ज़रूरी है?

कहावत है – पेड़ बड़ा होगा या छोटा, यह उसके बीज पर निर्भर करता है।
इसी तरह अगर आप कंप्यूटर विज्ञान में आगे बढ़ना चाहते हैं तो नींव मजबूत करनी होगी।

  • 9वीं और 10वीं से ही कंप्यूटर पढ़ने वाले छात्र आगे 11वीं-12वीं और कॉलेज में कभी कठिनाई महसूस नहीं करते।
  • इस उम्र में बच्चे नई चीज़ों को जल्दी सीखते हैं। यही समय है जब कोडिंग, इंटरनेट और डिजिटल टूल्स को आसानी से समझा जा सकता है।
  • छोटे प्रोजेक्ट, जैसे PowerPoint में प्रेज़ेंटेशन, Word में रिज़्यूम, Excel में चार्ट बनाना, छात्रों को उत्साहित करते हैं।

अगर आप अभी से कंप्यूटर सीखते हैं तो आगे आपको यह कोई “अलग विषय” नहीं लगेगा बल्कि जीवन का हिस्सा बन जाएगा।


3. 11वीं में कंप्यूटर विज्ञान को अतिरिक्त विषय के रूप में क्यों चुनें?

बिहार बोर्ड ने 11वीं से छात्रों को यह विकल्प दिया है। यह विकल्प केवल किताब का पन्ना नहीं बल्कि भविष्य बदलने का अवसर है।

कारण 1 – यह दिलचस्प और अंक लाने वाला विषय है

कंप्यूटर विज्ञान प्रैक्टिकल आधारित है। इसमें थ्योरी से ज्यादा हैंड्स-ऑन लैब वर्क होता है। अगर आप थोड़ी मेहनत करें तो आसानी से अच्छे अंक ला सकते हैं।

कारण 2 – रिज़ल्ट सुधारने का साधन

मान लीजिए अगर किसी छात्र के मुख्य विषयों में अंक कम आ जाएँ, तो कंप्यूटर विज्ञान के अंक जुड़कर रिज़ल्ट बेहतर हो सकता है।

कारण 3 – करियर के लिए दरवाज़ा

आज सबसे ज्यादा नौकरियाँ IT और कंप्यूटर क्षेत्र में हैं। कंप्यूटर विज्ञान पढ़ने वाले छात्रों के लिए –

  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर
  • डेटा साइंटिस्ट
  • साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट
  • ऐप और वेबसाइट डेवलपर
  • डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल
    जैसे करियर रास्ते खुले रहते हैं।

कारण 4 – प्रतियोगी परीक्षाओं में सहायक

Railway, SSC, Banking, CTET – लगभग हर सरकारी नौकरी की परीक्षा में कंप्यूटर ज्ञान पूछा जाता है।


4. अगर कंप्यूटर विज्ञान नहीं पढ़ेंगे तो क्या होगा?

  • आप केवल पारंपरिक विषयों तक सीमित रहेंगे।
  • प्रतियोगी परीक्षाओं में आपको कठिनाई होगी।
  • नौकरी के समय आप उन बच्चों से पीछे रह जाएंगे जिन्होंने कंप्यूटर सीखा है।

5. कंप्यूटर शिक्षा से जीवन कैसे बदल सकता है? (एक प्रेरणादायक उदाहरण)

मान लीजिए बिहार का एक छात्र राहुल 9वीं से कंप्यूटर पढ़ता है।

  • 10वीं तक उसने MS Office और बेसिक इंटरनेट सीखा।
  • 11वीं-12वीं में उसने कंप्यूटर विज्ञान को अतिरिक्त विषय चुना और प्रोग्रामिंग की नींव मजबूत की।
  • कॉलेज में उसने कंप्यूटर साइंस लिया और अब वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर अमेरिका की कंपनी में काम कर रहा है।

दूसरी ओर, उसका दोस्त अजय जिसने कंप्यूटर विषय को हल्के में लिया, आज भी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है और हर जगह कंप्यूटर टेस्ट में फंस रहा है।

यह उदाहरण हमें सिखाता है – कंप्यूटर पढ़ाई आपकी मंज़िल तय कर सकती है।

6. भविष्य की तैयारी – AI, रोबोटिक्स और प्रोग्रामिंग जैसे विषय अब स्कूली स्तर पर ही सिखाए जा रहे हैं, जिससे बच्चे भविष्य की तकनीकी दुनिया के लिए तैयार हो सकें।

7. ग्रामीण और शहरी छात्रों के लिए कंप्यूटर शिक्षा

  • ग्रामीण क्षेत्र – यहाँ के छात्रों के लिए कंप्यूटर शिक्षा आधुनिक तकनीक से जुड़ने का सबसे बड़ा साधन है। यह उन्हें रोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाती है।
  • शहरी क्षेत्र – शहरी बच्चों को तकनीक आसानी से उपलब्ध है, लेकिन उन्हें इसका सही और उपयोगी दिशा में इस्तेमाल करना सिखाना जरूरी है।

8. बिहार बोर्ड के छात्रों के लिए विशेष सुझाव

  • 9वीं और 10वीं से ही कंप्यूटर शिक्षा को गंभीरता से लें।
  • 11वीं में कंप्यूटर विज्ञान को अतिरिक्त विषय के रूप में जरूर चुनें। अब आपके स्कूलों में बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित योग्य एवं अनुभवी कंप्यूटर विज्ञान विषय के शिक्षक जो पूर्व में कंप्यूटर प्रोफेशनल रह चुके हैं, विभिन्न मल्टी नेशनल कंपनियों एवं देश के सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थाओं में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं | आपके लिए सुनहरा अवसर है ऐसे शिक्षकों के सान्निध्य में रह कर आप भी अपने आप को उपभोक्ता नहीं निर्माता की श्रेणी में विस्थापित करें यही आज की समय की माँग भी है |

हमारे प्रिय पाठक 100 बात की यदि एक बात कहें तो…

कंप्यूटर विज्ञान को अतिरिक्त विषय के रूप में चुनना छात्रों के लिए केवल परीक्षा पास करने का साधन नहीं बल्कि भविष्य की सफलता का आधार है।
यदि 9वीं और 10वीं से ही बच्चे कंप्यूटर की पढ़ाई शुरू कर देते हैं तो आगे उनका करियर और अधिक मजबूत और सुनहरा हो सकता है। इसलिए, बिहार बोर्ड के हर छात्र को चाहिए कि वे 11वीं कक्षा में कंप्यूटर विज्ञान को अतिरिक्त विषय के रूप में जरूर अपनाएँ और छोटे क्लास (9-10) से ही कंप्यूटर शिक्षा को गंभीरता से लें। यही शिक्षा उन्हें 21वीं सदी के असली डिजिटल नागरिक बनाएगी।

दुसरे शब्दों में यदि कहें तो कंप्यूटर विज्ञान अब कोई “वैकल्पिक विषय” नहीं रहा बल्कि यह छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की अनिवार्यता है। अगर बिहार बोर्ड के छात्र 11वीं कक्षा में कंप्यूटर विज्ञान को अतिरिक्त विषय के रूप में चुनते हैं और 9वीं-10वीं से ही कंप्यूटर शिक्षा को गंभीरता से अपनाते हैं तो वे भविष्य में न केवल अच्छे अंक प्राप्त करेंगे बल्कि अपने करियर और जीवन में भी सफलता हासिल करेंगे।

“आज कंप्यूटर पढ़ना केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि भविष्य की मजबूरी है।”
हर छात्र को चाहिए कि वह कंप्यूटर विज्ञान की पढ़ाई में रुचि ले और डिजिटल युग का सच्चा नागरिक बने, याद रखें – जबतक कंप्यूटर से दूर रहेंगे डिजिटल इंडिया और टेक्नोलॉजी की दुनिया में आप सिर्फ “उपभोक्ता” रहेंगे, “निर्माता” नहीं ( आलोक बच्चन आईटी प्रोफेशनल )


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